त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥ जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय https://eduardofglem.bimmwiki.com/10357771/how_much_you_need_to_expect_you_ll_pay_for_a_good_shiv_chalisa_lyrics_in_english_with_meaning